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मथुरा का मुद्दा कोई नया मुद्दा नहीं है अदालत में इस मामले की याचिका दाखिल की गई है और उनकी सुनवाई भी होती रही है 13 पॉइंट 37 एकड़ जमीन पर दावा करते हुए हिंदू शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग करते रहे हैं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद स्थल को श्रीकृष्ण जन्मभूमि के रूप में मान्यता देने की माँग वाली याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति दी है। इसके पहले 19 जनवरी 2021 को हाईकोर्ट ने इस याचिका को याचिकाकर्ता के न होने के कारण खारिज कर दी थी।

1968 का एक समझौता ही सारे विवाद की जड़ है जिसे मंदिर और मस्जिद पक्ष की बैठक के बाद तय किया गया था उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने अधिवक्ता महक माहेश्वरी द्वारा दायर इस याचिका पर सुनवाई की सहमति दी। कोर्ट ने कहा कि याचिका खारिज करने के बाद इसे बहाल करने के लिए तुरंत आदेश दिया गया

न्यायालय ने अपने आदेश अनुसार उस याचिका को बहाल कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मुख्य याचिका को याची की अनुपस्थिति में खारिज करने के आदेश को वापस लिया जाता है। ।अब इस पर अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बनी मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की माँग करते हुए मंदिर की जमीन हिंदुओं को सौंपने का आग्रह किया गया है। इसके साथ भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए श्रीकृष्ण जन्मभूमि जन्मस्थान के लिए एक ट्रस्ट का गठन करने की माँग भी की गई है। इसके साथ ही याचिका में मामले के निपटारे तक हिंदुओं को सप्ताह में कुछ दिन और जन्माष्टमी को मस्जिद में पूजा करने की अनुमति देने का आग्रह किया गया है।

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