शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने पहले इस्लाम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया और अब सन्यास लेने की इच्छा जताई है वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी अब सार्वजनिक जीवन की सभी मोह माया को त्यागकर संन्यास लेना चाहते है। रविवार 22 मई को हरिद्वार में स्वामी आनंद स्वरूप के साथ रुद्राभिषेक करने के बाद उन्होंने ये इच्छा जताई थी।
एक धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में वे पिछले चार महीनों से हरिद्वार जेल में थे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस शर्त पर जमात दी है की भविष्य में उनके द्वारा इस तरह के भाषण या बयान नहीं दिए जायेंगे। जेल से रिहा होने के बाद जितेंद्र ने हरिद्वार में स्थित शांभवी धाम में काली सेवा आखड़े के प्रमुख स्वामी दिनेशानंद भारती के साथ भगवान शंकर का रुद्राभिषेक किया और उनके समक्ष सन्यास लेने की इच्छा रखी। हालांकि अभी इस विचार पर निर्णय नहीं लिया गया है। अखाड़ों के अन्य सदस्यों के साथ विचार विमर्श करने के बाद ही इसका निर्णय होगा की उन्हें अखाड़े में शामिल किया जाएगा या नहीं।
हाल ही में गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने भी सार्वजानिक जीवन से संन्यास लेकर पूरी तरह अपना जीवन धार्मिक कार्यों में लगाने की बात कही है साथ ही उन्होंने इस्लाम जिहाद के खिलाफ उनकी लड़ाई और सभी धर्म सांसदों से भी खुद को अलग करने का निर्णय लिया है।
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