कश्मीरी पंडितों की आपबीती जस की तस बयान करने के लिए विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी (The Kashmir Files)’‘ द कश्मीर फाइल्स साल 2022 में रिलीज हो गयी है। इस फिल्म के मुख्य किरदारों में अनुपम खेर भी है। उन्होंने कहा जब ये फिल्म अपनी माँ दुलारी के साथ बैठकर देखी और बाद में उनकी जो प्रतिक्रिया थी वो वाकई झकझोरने वाली है।
अनुपम खेर ने भी लिखा है, “माँ कश्मीरी फाइल्स देखने के बाद बहुत लंबे समय के लिए चुप हो गई थीं मैंने उन्हें गले लगाया और जब अलविदा कहा तो वह प्यार से बोलीं, ‘अच्छा काम किया तूने इस फिल्म में। ये तेरा फर्ज था। दुनिया भर में रह रहे कश्मीरियों के लिए’।” अभिनेता के मुताबिक उनकी माँ की कही बात वाकई सच है। ये प्रोजेक्ट उनके लिए एक फिल्म से बढ़कर था।
जब अनुपम खेर ने अपनी माँ दुलारी से पूछा कि उन्हें फिल्म कैसी लगी तो उन्होंने बेहद गंभीर होकर कहा, “मुझे सब पता ही है वहाँ का तो मुझे वही दिखा जो किया गया है। हम 30 साल से यही देख रहे हैं कि उस समय जो बच्चा हुआ वो आज 30-32 साल का है। मेरे भाइयों को चिट्ठियाँ दी गईं कि निकल जाओ। बेचारे नाना जी ने मकान बनाया था वो बेचारा इसी में मर भी गया। मेरा भाई शाम को ऑफिस से आया और दरवाजे पर चिट्ठी थी कि आज आपकी बारी है। वो लोग रामबाग में रहते थे तो रात में निकलें। जो ट्रक रात में चलते थे वे उसी में बैठकर निकल गए। उनके बच्चे दिल्ली में पढ़ रहे थे। उन्हें एक ग्लास पानी भी नहीं मिला।”
दुलारी कहती हैं, “मुझे सब कुछ पता है क्या किया उन्होंने। जिसने भी ये फिल्म बनाई उसने बहुत अच्छा किया। मोदी तो बेचारा कर ही रहा है। लेकिन इस फिल्म से पता चलेगा कश्मीरियों के साथ क्या हुआ। अब तक बाहर वालों को क्या पता कि हमारे साथ क्या हुआ था। वो लोग तो हमारी दौलत, हमारा सामान सब कुछ ले गए। सबको ऐसे निकाला जैसे हम फकीर हों।
वो स्तब्ध होकर कहती हैं कि इस फिल्म में जो चीजें दिखाई गईं उनके बारे में वह जानती थीं। वह अब्दुल्ला परिवार का जिक्र करते हुए कहती हैं, “शेख अब्दुल्ला ने कहा कि ये लोग मुसलमानियों से बर्तन धुलवाते हैं मैं हिंदुओं से करवाऊँगा। उस समय मैं छोटी सी थी। जैसे ये मुसलमानियों के साथ करते हैं मैं इनके साथ ऐसे ही करूँगा। उस समय मेरा मामा भी नेता था। अब्दुल्ला ने जो कहा वही किया। ऐसे निकाल दिया जैसे यतीम हैं। भगवान इन लोगों से जरूर बदला लेगा।”
यहाँ बता दें कि विवेक अग्रिहोत्री द्वारा बनाई गई द कश्मीरी फाइल्स को लेकर अब तक दावा है कि इसमें 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हुआ अत्याचार बिना किसी प्रोपगेंडे के दिखाया गया है। उनकी पीड़ा और दर्द वैसा का वैसा प्रस्तुत है।
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