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राजधानी दिल्ली एक बड़ी बीमारी से जूझ रही है, जिसकी वजह है प्रदूषण… जल से लेकर नभ तक में प्रदूषण ने दिल्लीवासियों का जीवन बर्बाद कर दिया है। इसके विपरीत दिल्ली सरकार प्रत्येक मुद्दे के लिए दिवाली में हुई पटाखे की आतिशबाजी को दोष देती रहती है। वहीं यमुना नदी का जल पूर्णतः प्रदूषित हो चुका है‌, इसको लेकर केजरीवाल सरकार की खूब आलोचना की जा रही है। अब अपने बचाव के लिए केजरीवाल सरकार यमुना के झाग को खत्म करने के लिए झाग पर पानी की बौछार करवा रही है, जिसको लेकर अब लोग अरविंद केजरीवाल की मौज ले रहे हैं, जो दिखाता है कि केजरीवाल सरकार बर्बादी के लिए ही कुख्यात है।
छठ पूजा का उत्सव मुश्किल

छठ पूजा का उत्तर भारत और पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत समूचे बिहार में विशेष महत्व माना जाता है। ऐसे में जो लोग अपने निज आवास नहीं जा पाते हैं, या फिर दूसरे राज्यों में ही रहते हैं, वे वहीं छठ मनाते हैं। इसके विपरीत दिल्ली में रहने वाले छठ मनाने के इच्छुक लोगों को इस बार मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है l इसकी एक बड़ी वजह यमुना नदी में प्रदूषण की मात्रा है, ऐसे में महिलाओं को सूर्यदेव को अर्घ्य देने तक में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं, यमुना नदी में छठ मनाती महिलाओं की तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए मुसीबतें खड़ी हो गई l इस पर लोगों ने उनकी आलोचना करनी शुरू कर दी। आलोचना होती देख अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड को यमुना का झाग खत्म करने के लिए लगा दिया, तब से लगातार पाइपलाइन के माध्यम से झाग को खत्म करने की कोशिशों की जा रही है लेकिन केजरीवाल का यह फैसला उनके ही मजाक की वजह बन गया है।

स्पष्ट है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली और यमुना नदी का प्रदूषण कम करने में तो पूरी तरह विफल साबित हुए हैं किंतु वो जो कारनामे करते हैं उसके कारण वह मुख्यधारा की मीडिया और सोशल मीडिया में चर्चा और हास्य का पर्याय बन जाते हैं। संभवत यही कारण है कि अब लोगों द्वारा उन्हें तवज्जो भी नहीं मिलती है।
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