भारत सन्तों धर्मात्माओं का देश माना जाता है, जिसमें कई तरह के संतों द्वारा देश और समाज को एक संस्कार दिया जाता है, इस कड़ी में देश के ऐसे महात्मा लोगों के बारे में जानकारी होना हम सभी को जरुरी हो जाता है, ऐसे में आज आपको इंडिया बायोग्राफी के माध्यम से देश में प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के जीवन परिचय से जुडी जानकारी मिलेगी। आईये जानतें हैं कौन हैं कथावाचक अनिरुद्धाचार्य जी महाराज
श्री अनिरुद्धाचार्य का जीवन परिचय
परम पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जन्म 27 सितंबर 1989 को जबलपुर मध्यप्रदेश (भारत) में हुआ था। बताया जाता है कि इनके जन्म स्थान से विष्णु वराह भगवान की नगरी महज 9 किमी की दूरी पर रिंवझा नामक जगह पर है, जहाँ इनका जन्म हुआ था। इनके बारे में बताया जाता है कि यह बाल्यकाल से ही अपने गांव के ही श्री राधा कृष्ण मंदिर पर नित्य जाकर ठाकुर जी की सेवा पूजा में लगे रहते थे।
जन्म 27 सितम्बर 1989 को मध्यप्रदेश के जबलपुर
पारंपरिक गौ भक्त परिवार के होने की वजह से इनको गौ माता की सेवा करने में बहुत आनंद मिलता था, आज भी यह इस सेवा को जारी रखे हैं। बताया जाता है की महाराज को गौ माता के बछड़ों के साथ खेलना बहुत पसंद है। जब महाराज छोटे थे तब श्री गाय चराने जाते थे तो अपने साथ हनुमान चालीसा और गीता ले जाते थे, जिसका यह नित्य प्रति सस्वर पाठ किया करते थे, और अपने सहपाठियों से भी इसका पाठ करवाया करते थे।
वास्तविक नाम – श्री अनिरुद्धाचार्य
प्रसिद्ध नाम – परम पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज
जन्म – 27 सितंबर 1989 को जबलपुर मध्यप्रदेश
जन्म स्थान – रिंवझा नामक गावं में
प्रोफेशन – कथावाचक
बहुत कम आयु में महाराज जी ने शास्त्रों को कंठष्थ कर लिया था।
गुरु – श्री गिर्राज शास्त्री जी महाराज
राम कथा का ज्ञान – अंजनी गुफा वाले गुरु से
सनातन धर्म की ध्वजा को लहराते हुए प्रचार प्रसार भी इन्होने किया है।
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज सेवा और कार्य –
सबसे पहले महाराज जी के कार्यों के बारे में बात करें तो यह एक अच्छे कथावाचक हैं, यह अपनी कथाओं के माध्यम से लोगों को अच्छी राह पर चलने को कहते हैं, ताकि देश और समाज का अच्छा विकास हो लोगों की सोच में भगवान की भक्ति हो। यह अपनी कथा में हमेशा लोगों को भकित के मार्गे पर चलने की सलाह देते है ताकि लोगों को एक अच्छा जीवन जीने का अवसर मिल सके।
महराज जी गरीब , असहाय, ओर जरूरतमंदों का सहारा भी बने हुए हैं, इनके बारे में कहा जाता है कि यह अपने संस्थान में गरीब कन्यायों की शादी का कार्यक्रम भी कराते हैं। ताकि गरीब लड़कियों की शादी विवाह आसानी से हो सके और उनका जीवन भी अच्छा बन सके।
एक बृद्ध माता के लिए एक कमरे का आश्रम में मकान के लिए लोग इनकी संस्था को 50 हजार दान के रूप में देते हैं।
रोचक जानकारी
श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज अभी तक लगभ 500 से ज्यादा कथाएं समस्त भारतवर्ष में कर चुके हैं।
इनके द्वारा प्रत्येक धार्मिक कार्यक्रम में वृद्धमाताओं की सेवा भी की जाती है।
दींन दुःखी वृद्धजनों की सेवा करना और समाज में अच्छा सन्देश देना इनका लक्ष्य रहता है।
महाराज जी ने 23 जनवरी 2016 को इंदौर मध्यप्रदेश में श्री गौ गौरी गोपाल सेवा संस्थान समिति की नींव रखी थी।
दिनांक 16 मई 2019 को “गौरी गोपाल आश्रम” की नींव भी महाराज श्री द्वारा ही की गयी थी।
यह जानवरों को और बंदरों की भी सेवा में अनवरत लगे हैं, प्रतिदिन लोगों की सेवा भी करते हैं।
बृद्ध माताओं का पैर भी दबाते हैं महाराज जी।
श्री अनिरुद्धाचार्य ने बहुत कम उम्र में देश के बड़े कथावाचक गुरु लोगों को पीछे छोड़ दिया है।
इनकी कथा सुनाने की शैली बहुत ही सुन्दर है।
एक बृद्ध माता का जीवनभर की सेवा के लिए 21 हजार रूपये लोग इनकी संस्था को दान देते हैं।
इनकी कथाओं काफी विस्तार भारत में इन दिनों देखने को मिल रहा है।
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