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क्या आप जानते हैं, यही ताने किसी को IPS भी बना सकते हैं. जी हां आप सही सुन रहे हैं, सिविल सर्विस एग्जाम सबसे कठिन परीक्षाओं में से है. कई लोग बहुत सालों की मेहनत बाद भी ये परीक्षा पास नहीं कर पाते लेकिन आज जिस बहादुर IPS OFFICER शालिनी अग्निहोत्री की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं उसने किसी अजनबी का ताना सुन कर ऐसी कठिन परीक्षा दी और उसे पास भी किया.

अब उनके नाम से भी कांपते हैं अपराधी

हम बात कर रहे है हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के एक छोटे से गांव ठठ्ठल की रहने वाली लड़की शालिनी अग्निहोत्री की. एक अजनबी द्वारा दिए गए ताने को सुन कर बिना अपने घरवालों को बताए UPSC एग्जाम की केवल तैयारी की बल्कि उसे पहले ही प्रयास में पास कर IPS अफसर भी बनीं.

एक बस कंडक्टर की बेटी शालिनी अग्निहोत्री आज एक ऐसी पुलिस ऑफिसर के रूप में जानी जाती हैं जिनसे अपराधी भी थर-थर कांपते हैं. उनके इसी जज्बे और काबलियत के लिए उन्हें प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठित बेटन और गृहमंत्री की रिवॉल्वर दी गयी है. इसके अलावा शालिनी अग्निहोत्री ने ट्रेनिंग के दौरान बेस्ट ट्रेनी का अवॉर्ड जीतने के साथ साथ राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत भी हुई हैं. कुल्लू में पोस्टिंग के दौरान वह रातों रात तब चर्चा में आ गई थीं जब उन्होंने नशा कारोबारियों के खिलाफ मुहिम चला कर इस काले धंधे की कमर तोड़ी थी.

अजनबी के एक ताने ने बना दिया IPS

इस बेखौफ और बहादुर IPS ऑफिसर के यहां तक पहुँचने की कहानी बहुत दिलचस्प है. छोटी सी शालिनी के मन में पुलिस बनने का विचार तब आया जब वह एक बार अपनी मां के साथ बस में सफर कर रही थीं. उस समय शालिनी की उम्र कुछ ज्यादा नहीं थी लेकिन उन्होंने सब देखा और इस घटना का गहरा असर पड़ा उन पर.

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दरअसल इस सफर के दौरान एक अनजान शख्स ने उनकी मां की सीट के पीछे हाथ लगा रखा था. इस वजह से मां असहज हो रही थीं तथा ठीक से बैठ नहीं पा रही थीं. उन्होंने बार बार उस व्यक्ति से हाथ हटाने का अनुरोध किया लेकिन हाथ हटाने की बजाए वह शख्स गुस्सा हो गया और बोला ‘तुम कहां की डीसी लग रही हो जो तुम्हारी बात मानी जाए.’ इस अज्ञात व्यक्ति का यही ताना नन्ही सी शालिनी के मन को चुभ गया. उन्होंने ठान लिया कि अब वह बड़ी होकर IPS OFFICER ही बनेंगी.

 

परिवारवालों को बताए बिना की तैयारी


शालिनी ने धर्मशाला के DAV स्कूल से 12वीं करने के बाद पालमपुर स्थित हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी कृषि में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. शालिनी ने जो सपना बचपन में देखा था वो उन्हें याद रहा. यही वजह थी कि उन्होंने ग्रेजुएशन के साथ ही UPSC की तैयारी भी शुरू कर दी थी.

हालांकि शालिनी ने घरवालों को ये जानकारी नहीं थी कि वह कॉलेज के बाद UPSC एग्जाम की तैयारी करती हैं. शालिनी को पता था कि ये परीक्षा बहुत कठिन है. उन्हें लगता था कि अगर वह असफल रहीं तो घरवाले उनकी असफलता से निराश हो जाएंगे. यही वजह है कि उन्होंने बिना किसी को बताए खुद से ही UPSC एग्जाम की तैयारी करना जारी रखा. इसके लिए उन्होंने किसी बड़े शहर में जा कर कोचिंग लेने के बारे में भी नहीं सोचा और खुद से ही तैयारी में जुटी रहीं.

पूरा किया अपना सपना

शालिनी ने मई 2011 में पहली बार UPSC की परीक्षा दी.2012 में इंटरव्यू का परिणाम भी आ गया. इसके साथ ही शालिनी ने खुद से किया हुआ वादा पूरा कर लिया. वह ऑल इंडिया में 285वीं रैंक प्राप्त करते हुए इंडियन पुलिस सर्विस IPS OFFICER के लिए चुनी गईं.

शालिनी के पिता रमेश अग्निहोत्री बस कंडक्टर थे. इसके बावजूद उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई में कभी कोई कमी नहीं छोड़ी. उन्हें इसका फल भी मिला. आज शालिनी के इलाव उनकी बड़ी बेटी डॉक्टर तो बेटा NDA पास करके आर्मी में है.

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